भारत में सरकारी अध्यापक बनने के लिए बीएड कोर्स करना आवश्यक होता है, इसको देखते हुए शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव किया गया है, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा शैक्षणिक क्षेत्र 2026 के शिक्षकों के लिए नया कोर्स शुरू किया है इस कोर्स को बैचलर आफ एजुकेशन के नाम से जाना जाता है और इस कोर्स की अवधि 1 वर्ष तक की है। यह कदम नई शिक्षा नीति के अनुसार लिया गया है, इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में लचीलापन दक्ष का और गुणवत्ता लाने के लिए और यह निर्णय छात्रों के लिए अधिक कारगार होगा जो कम समय में शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं जबकि उनके पास शिक्षा से संबद्ध डिग्री नहीं है।
शिक्षा जगत में यह बदलाव नहीं शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षण के गुणवत्ता को सुधारने में लिया गया कदम है, पिछले कोर्स वर्षों के अनुभव के अनुसार NEP 2020 की सिफारिश के अनुसार बताया गया कि 2014 में एनसीटीई द्वारा B.Ed कोर्स की अवधि को एक वर्ष से बढाकर 2 वर्ष कर दिया गया था। इससे मिलने के पीछे मुख्य कारण गुणवत्ता में सुधार और शिक्षकों को अधिक ज्ञान प्रशिक्षण का उद्देश्य देना था लेकिन समय के साथ-साथ 2 वर्ष से बीएड कोर्स अपेक्षित परिणाम में नहीं मिला।
बी.एड. कोर्स में हालिया बदलाव
भारत में B.Ed कोर्स में हाल ही में कहीं महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, जो आगामी शैक्षणिक छात्रों में प्रभावी होंगे यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार और प्रशिक्षण के स्तर को बढ़ाने की उद्देश्य किए गए हैं। पुराना 4 वर्षीय बीएड कोर्स बंद कर दिया गया है महाराष्ट्र सहित पूरे देश में 4 वर्षीय एकीकृत बेड कोर्स को बंद कर दिया गया है, जैसे बीए बीएड और बीएससी बीएड। उनके स्थान पर नया 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम लागू किया गया है जो एनसीटीई के नये दिशा निर्देशों के अनुसार हैं। 2 वर्षीय बीएड कोर्स की स्थिति फिलहाल तो ठीक है लेकिन बंद करने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है हालांकि नई शिक्षा नीति के तहत 2030 के बाद स्कूलों में भर्ती के लिए ITEP कोर्स अनिवार्य हो सकता है। वर्तमान में एनसीटीई में 1 वर्षीय बीएड कोर्स को फिर से शुरू करने की मंजूरी दी है यह कोर्स उन उम्मीदवारों के लिए है जिन्होंने 4 वर्षीय स्नातक डिग्री या स्नात्तकोत्तर की है यह कोर्स 2025 में लागू होगा।
1 वर्ष का नया बी.एड. कोर्स
1 वर्षीय बीएड कोर्स एक स्नात्तकोत्तर स्तर का शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता दी गई है, यह कोर्स उन छात्रों के लिए है जिन्होंने पहले से 4 वर्षीय स्नातक या स्नात्तकोत्तर डिग्री पूरी कर ली हैं। इसका उद्देश्य है कि योगी अभ्यर्थियों को कम समय में शिक्षक बनने के लिए जरूरी शिक्षा और प्रशिक्षण दिया जाए। यह कोर्स शैक्षणिक क्षेत्र 2026-27 से शुरू होगा। तथा इसकी अधिसूचना एनसीटी द्वारा 2025 में जारी की जाएगी। इस कोर्स की अवधि 1 वर्ष की होगी और इसमें दो सेमेस्टर होंगे। शैक्षणिक योग्यता के रूप में 4 वर्षीय ग्रेजुएशन डिग्री या पारंपरिक 3 वर्ष से ग्रेजुएट + 2 वर्षीय मास्टर डिग्री / न्यूनतम अंक सामान्य वर्ग के लिए 50% तथा आरक्षित वर्गों के लिए 45% लाने अनिवार्य है। इस कोर्स के लिए कोई अधिकतम आयु सीमा नहीं रखी गई है।
बी.एड. कोर्स में बदलाव के उद्देश्य
- शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार, नई शिक्षा नीति के अनुसार स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता सीधे शिक्षक की गुणवत्ता पर निर्भर करती है बेड कोर्स को अधिक व्यावहारिक नवाचारी और शिक्षक केंद्रित बनाया जा रहा है।
- पारंपरिक B.Ed कोर्स में बदलाव कर उसे तकनीक आधारित नवाचार युक्त और वास्तविक विद्यालय अनुभव से जोड़ा गया है, तथा आईसीटी समावेशी शिक्षा और शिक्षक की नई तकनीकी जोड़ी गई है।
- 4 वर्षीय आईटीपी से छात्रों को अलग-अलग डिग्री करने की आवश्यकता नहीं है।
- इससे विद्यार्थी स्नातक और बीएड एक साथ 4 वर्षों में पूरा कर सकते हैं।
- शिक्षकों को वास्तविक स्कूल अनुभव देना जरूरी है नए कोर्स में काम से कम 16 सप्ताह की इंटर्नशिप अनिवार्य की गई है।
- B.Ed कोर्स को प्रोफेशनल और आकर्षक बनाकर अधिक छात्रों को शिक्षक बनने के लिए प्रेरित करना।